जालंधर की राजनीति में एक बार फिर चर्चा का केंद्र बने रमन अरोड़ा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या वह दोबारा सक्रिय राजनीति में लौटने की तैयारी कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने तरनतारन उपचुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत पर बधाई दी, जिसके बाद उनकी राजनीतिक मंशा को लेकर नई बहस शुरू हो गई है।
भ्रष्टाचार केस के बाद फिर सुर्खियों में
दरअसल रमन अरोड़ा उस समय विवाद में आए थे जब भ्रष्टाचार मामले में उनकी ही पार्टी ने उन्हें गिरफ्तार कराया था। अब जब वह फिर से राजनीतिक मंच पर दिखाई दे रहे हैं, तो इसे लेकर सियासी गलियारों में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। राजनीतिक जानकार इसे एक संभावित ‘कमबैक मूव’ बता रहे हैं।
जालंधर सेंट्रल में बढ़ी गर्मी
अरोड़ा की मौजूदगी ने जालंधर सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र में सियासी गर्मी बढ़ा दी है। यहां की राजनीति पिछले कुछ समय से शांत थी, लेकिन उनके सोशल मीडिया गतिविधियों ने माहौल को फिर गरमा दिया है। कई नेताओं की नजर अब अरोड़ा के अगले कदम पर टिकी हुई है।
आने वाले समय में असर दिखेगा
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि रमन अरोड़ा की गतिविधियां जालंधर सेंट्रल की भविष्य की राजनीति को प्रभावित कर सकती हैं। उनकी वापसी का सीधा असर पार्टी समीकरण, स्थानीय नेतृत्व और आगामी चुनावों पर देखा जा सकता है। अब देखना यह होगा कि वह मैदान में उतरते हैं या सिर्फ संकेत देकर माहौल बनाते हैं।
