देशभर के किसान दिल्ली से सटे राज्यों की सीमाओं पर हैं. वे ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत राजधानी में आने के लिए 13 फरवरी से कोशिशें कर रहे हैं. आज किसान आंदोलन का चौथा दिन है. 13, 14, 15 फरवरी तक तीन दिन ने संघर्ष के बाद किसानों और केंद्रीय मंत्रियों ने वीरवार को चंडीगढ़ में प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों के नेताओं के साथ तीसरे दौर की बातचीत की. ये मीटिंग 15 फरबरी रात के करीब 8:30 बजे शुरू हुई मीटिंग 16 फरबरी सुबह 1:30 बजे तक चली. लेकिन दूसरे दौर की मीटिंग में भी कोई नतीजा नहीं निकला.
वहीं शंभू बॉर्डर पर किसान की मौत हो गई. किसान ज्ञान सिंह भतीजे जगदीश सिंह ने बताया, ‘शंभू पुलिस स्टेशन के पास खड़ी एम्बुलेंस से उन्हें राजपुरा सिविल अस्पताल ले गए. वहां उन्हें राजिंदरा मेडिकल कॉलेज, पटियाला रेफर कर दिया गया. उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. एंबुलेंस में ऑक्सीजन दिया गया, सुबह 5 बजे तक मेडिकल कॉलेज पहुंचे. अस्पताल में लगभग 7.45 बजे उनकी मौत हो गई.’ हार्ट अटैक से मौत होने वाले किसान ज्ञान सिंह गुरदासपुर जिले के चाचेकी गांव के रहने वाले हैं. किसान ज्ञान सिंह भतीजे जगदीश सिंह ने जानकारी दी.
किसानों के दिल्ली कूच के दौरान शंभू बॉर्डर पर आंसू गैस के प्रभाव से पानीपत जीआरपी में तैनात सब इंस्पेक्टर हीरालाल की मौत हो गई. वह पानीपत की समालखा चौकी में तैनात थे और किसानों के दिल्ली कूच के आह्वान के बाद शंभू बॉर्डर पर फोर्स के साथ गए थे. हीरालाल की मौत पर परिवार में मातम छा गया.
