जालंधर सेंट्रल हल्के में इन दिनों खुलेआम दड़े-सट्टे का धंधा चल रहा है। इलाके में कई जगह लॉटरी और सट्टेबाजी के स्टाल खुले हैं, जहां रोजाना लाखों रुपए का लेनदेन हो रहा है। हैरानी की बात है कि यह सब शहर के बीचोंबीच चल रहा है और पुलिस-प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लग रही या फिर वे जानबूझकर अनजान बने हुए हैं।
लॉटरी स्टालों पर भीड़, कोई रोक-टोक नहीं
स्थानीय लोगों का कहना है कि इन सट्टा केंद्रों पर दिन-रात लोगों की भीड़ लगी रहती है। कई जगह तो खुलेआम लॉटरी टिकट और नंबर गेम खेला जा रहा है। इसके बावजूद पुलिस की गश्त या कार्रवाई कहीं दिखाई नहीं देती। लोगों में सवाल उठ रहा है कि जब यह सब खुले में हो रहा है तो प्रशासन आंख मूंदे क्यों बैठा है?
पहले लगे थे राजनीतिक संरक्षण के आरोप
कुछ समय पहले आरोप लगाए गए थे कि यह सट्टेबाजी का नेटवर्क आप विधायक रमन अरोड़ा की शह पर चलता था। हालांकि अब जबकि हालात पहले से भी ज्यादा बिगड़ चुके हैं, लोगों के मन में नया सवाल उठ रहा है अब किसके संरक्षण में यह गैरकानूनी कारोबार इतने बड़े स्तर पर फल-फूल रहा है?
पुलिस की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
पुलिस की लगातार चुप्पी और कार्रवाई न होने से यह अंदेशा गहराता जा रहा है कि कहीं अंदरखाने कोई मिलीभगत तो नहीं? शहर के जागरूक लोग और सामाजिक संगठन अब प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि इस पूरे नेटवर्क की जांच की जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो, वरना जालंधर सेंट्रल में कानून व्यवस्था का मज़ाक बनकर रह जाएगा।
