पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है। संगरूर जिले की सुनाम कोर्ट बीती 21 दिसंबर को अमन अरोड़ा को मारपीट से जुड़े 15 साल पुराने मामले में दो साल के कठोर कारावास की सजा सुना चुकी है। कोर्ट के इस फैसले के बाद शिरोमणि अकाली दल ने अमन अरोड़ा की विधानसभा सदस्यता रद्द करने के लिए स्पीकर कुलतार सिंह संधवा को पत्र लिखा है। सुनाम कोर्ट ने 21 दिसंबर 2023 को अमन अरोड़ा के साथ-साथ उनकी माता परमेश्वरी देवी, कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष व संगरूर जिला योजना बोर्ड के पूर्व चेयरमैन राजिंदर सिंह राजा को भी दो-दो साल की कैद और एक-एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। इन तीनों के अलावा सजा पाने वाले एक शख्स की मौत भी हो चुकी है। अमन अरोड़ा के खिलाफ यह मामला वर्ष 2008 में उन्हीं के जीजा ने दर्ज करवाया था।
शिरोमणि अकाली दल ने स्पीकर कुलतार सिंह संधवा को लिखे पत्र में कहा है कि अदालत से दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद अरोड़ा की विधानसभा सदस्यता तुरंत रद्द की जानी चाहिए। शिरोमणि अकाली दल के विधायक सुखविंदर सिंह सुखी ने स्पीकर कुलतार सिंह संधवा को लिखे लेटर में सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2013 में लिली थामस बनाम यूनियन ऑफ इंडिया केस में सुनाए गए ऑर्डर का हवाला भी दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने उस आदेश में कहा था कि यदि किसी भी विधायक या सांसद को अदालत की ओर से किसी भी मामले में दो साल या उससे ज्यादा की सजा सुनाई जाए तो उसकी विधानसभा या संसद की सदस्यता रद्द की जानी चाहिए। ऐसे शख्स को तुरंत अयोग्य घोषित किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद देशभर में कई सांसदों और विधायकों की सदस्यता रद्द हो चुकी है। इनमें सबसे ताजा नाम कांग्रेस नेता राहुल गांधी का है। अकाली दल ने कहा कि है कि दो साल की सजा होने के बावजूद अमन अरोड़ा की सदस्यता बचाने का काम किया जा रहा है। काूननी माहिरों की माने तो यह मामला गंभीर है। जिस तरह से राहुल गांधी की सदस्यता रद्द हुई थी, उसी हिसाब से अमन अरोड़ा की सदस्यता भी रद्द होनी चाहिए। जब तक उच्च अदालत उनके 2 साल की सजा पर रोक नहीं लगाती है, तब तक वह इस मामले में आरोपी हैं। सरकार को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसा कर सरकार को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। जबकि अदालत अपना काम खुद करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें बचाने में लगी हुई है।
