जालंधर: नगर निगम के एटीपी सुखदेव वशिष्ट और सेंट्रल हलके के विधायक रमन अरोड़ा की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। दरअसल, नगर निगम के एटीपी के साथ मिलकर फर्जी नोटिस छिपवा कर भ्र्ष्टाचार करने के मामले में फर्जी नोटिस की कॉपी सामने आई है। नोटिस में लिखा कि उक्त बिल्डिंग के नाजायज तरीके से बनाई गई है। पत्र मिलने के बाद दफ्तर में लिखित में स्पष्टीकरण की मांग की गई थी, स्पष्टीकरण ना देने पर कार्रवाई की बात भी इस नोटिस में की गई है।
जिसके नीचे एटीपी नगर निगम के साइन भी किए हुए हैं। आरोप है कि विधायक और एटीपी योजना बनाकर छोटे दुकानदार से बड़ी बिल्डिंग बनाने वाले लोगों परेशान करते थे और फर्जी नोटिस भेजकर वसूली किया करते थे। इस फर्जी नोटिस कॉपी को इस्तेमाल का दोनों लोगों के कामों में अड़चन पैदा कर रुपए ऐंठते थे।
दूसरी ओर रमन अरोड़ा व उनके रिश्तादरों के नाम पर दर्ज संपत्तियों की जांच ब्यूरों द्वारा शुरू की जाएगी। विजीलैंस ब्यूरो ने बेनामी संपत्तियों को लेकर अपनी जांच शुरू कर दी है और कई कमर्शियल बिल्डिंगों के अलावा कई अन्य रिश्तेदारों के नाम पर बोल रही संपत्तियों को लेकर भी जांच का घेरा बढ़ने जा रहा है। पिछले अढ़ाई वर्षों के दौरान रमन अरोड़ा के रिश्तेदारों के नाम पर दर्ज संपत्तियों की भी जांच शुरू कर दी गई है। विजीलैंस ब्यूरो इस समय इस सारे प्रकरण में गहराई से जांच कर रहा है।
आप विधायक को लेकर विजीलैंस के पास अब कई लोग भी पहुंचने शुरू हो गए है जो उन्हें रमन अरोड़ा के बारे में जानकारियां दे रहे है। इसके अलावा रमन के रिश्तेदारों के बारे में भी पूरी जानकारी विजीलैंस द्वारा जुटा ली गई है। रिश्तेदारों के नाम पर बनी संपत्तियों को लेकर भी पूछताछ होगी और इन संपत्तियों को बनाने का स्त्रोत रिश्तेदारों से पूछा जाएगा।
