(PKL): कनाडा में पंजाबी विद्यार्थियों के शोर-शराबे का असर ऑस्ट्रेलिया में होने लगा है। जिस तरह से खालिस्तान को लेकर कनाडा व भारत में तनाव बना है और दोनों देशों के संबंध बिगड़ गए हैं, उसके बाद से ऑस्ट्रेलिया ने भी पंजाबी विद्यार्थियों पर सख्ती कर दी है। हालात यह है कि पंजाब के विद्यार्थियों का 50 फीसदी वीजा रिफ्यूज होने लगा है। खासकर पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड से जमा दो की परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों को तो वीजा न के बराबर दिया जा रहा है। हालात ये हैं कि ऑस्ट्रेलियन यूनिवर्सिटी ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड से जाम दो की परीक्षा पास करने वाले ज्यादातर विद्यार्थियों को ऑफर लेटर तक देना बंद कर दिया है।
दरअसल ऑस्ट्रेलिया जाने वाले विद्यार्थियों को जीटीई (जैनुअन टेंमपरेरी एंटरेंट) क्लीयर करना पड़ता है। इसमें एसओपी ( स्टेटमेंट ऑफ परपस), फाइनांस डाक्यूमेंट, मौखिक इंटरव्यू शामिल हैं। इन तीनों को क्लीयर करना जरूरी है। पिछले कुछ समय से पंजाब स्कूल से शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों को पहले चरण में ही झटका मिल जाता है। उनको कोई यूनिवर्सिटी ऑफर लेटर ही नहीं देती चाहे उसके नंबर 90 फीसदी आए हों। पंजाब में पिछले साल ऑस्ट्रेलिया जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या 30 हजार के करीब थी।
लेकिन इस साल 7 हजार का आंकड़ा भी छू नहीं पाई है। यह सात हजार भी सीबीएसई बोर्ड से पढ़े हुए हैं। पंजाब के विद्यार्थी लाटरोब, डिकेन, सेंट्रल क्वीनलैंड यूनिवर्सिटी, विक्योरिया, रॉयल मेलबर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, न्यू साउथ वेल्स, यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न सिडनी आदि में स्टडी करने के लिए जाते हैं। गुरदासपुर के रहने वाले एक विद्यार्थी जिसने 10वीं की परीक्षा सीबीएसई से पास की थी और बाद में जमा दो की परीक्षा पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड से पास की थी, उसको यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न सिडनी ने ऑफर लेटर ही नहीं दिया। यह कह दिया कि आपने जमा दो की परीक्षा पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड से पास की है।
